आखिर क्यों?रोग प्रतिकारक शक्ति क्यों इतनी जरूरी माना जाता है।जानिए

आज का हमारा विषय है। रोग प्रतिकार शक्ति जिसे हम इम्यूनिटी पावर भी कहते हैं। फिलहाल में हम सब ने जान लिया है कि रोग प्रतिकार शक्ति शरीर के लिए कितना जरूरी साबित होता है।कई लोगों को यह प्रश्न निर्माण होता है।कि यह शक्ति हमारे शरीर में कैसे प्राप्त की जा सकती है।और उसके लिए क्या-क्या करना जरूरी होता है।

आज हम आपको इम्यूनिटी पावर के बारे में सब जानकारी देने वाले हैं।जैसे कि कैसे पता चल सकता है। कि आप में इम्यूनिटी कम हो चुकी है। और उसको कैसे पहचाने मतलब उसके लक्षण क्या हो सकते हैं।और दूसरा यह कि रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए आसान से घरेलू उपाय के बारे में जानकारी आपको भी देंगे।

तो नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है।सर्वांग आयुर्वेद में तो चलिए शुरू करते हैं।

1-क्या होती है रोग प्रतिकार शक्ति(What is Immune Power)

शरीर मे मौजूद प्रोटीन से अन्य कोई घटक प्रवेश करने के बाद शरीर उस घटक को नष्ट करने के लिए जो ऊर्जा लगती है उसे रोगप्रतिकार शक्ति कहते है।

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प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग, कोशिकाएं, ऊतक और प्रोटीन यह सब शामिल होते हैं। साथ ही ये वायरस, बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण या बीमारी से बचाव करते हैं। रोग प्रतिकार शक्ति याने मनुष्य के शरीर और मन पूरी तरह आरोग्य से संपन्न होना और निरोगी रहना.

रोग प्रतिकार शक्ति के प्रकार (Types of Immune System)

  1. नैसर्गिक (natural)

जन्म से हि शरीर मे यह शक्ति मौजूद होती है।और यह जाती, वंश और व्यक्ति के ऊपर निर्भर होता है।

  1. आर्टिफिशल (Artificial)

  • रोगप्रतिकार शक्ति नेचुरल ना होके यह जन्म होने के बाद अगर कोई व्यक्ति को रोग संक्रमण होता है।तो उस वजह से या फिर आर्टिफिशल तरीके से यह निर्माण होता है।
  • चिकन पॉक्स, स्माल पोक्स जैसे कुछ रोगों की संक्रमण की वजह से शरीर मे एक प्रकार की क्षमता पैदा होती है। अगर यह क्षमता उत्कृष्ट दर्जे की हो तो आदमी रोग से तुरंत मुक्त हो जाता है।फिर उसके बाद यह रोग दोबारा नहीं होता है।
  • साथ ही पोलियो, कॉलेरा, हिप्याटायटीस जैसे रोगों के जीवाणु शरीर मे बिना लक्षण के मौजूद होते है। यह व्यक्ति मे रोग उत्पन्न नहीं करते है।.
  • कभी कबार व्यक्ति मे कुछ रोगों के विरोधी आर्टिफिशल तरीके से रोगप्रतिकार शक्ति निर्माण करते है।जैसे की वैक्सीन, मिक्स वैक्सीन, toxoids, मृत जीवाणु शरीर मे डालना, जिन्दा जीवाणु शरीर मे डालना.
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2- रोग प्रतिकार शक्ति कम होने के लक्षण(symptoms of low immunity)

  • बार-बार बीमार पड़ना.
  • अक्सर थकान महसूस होना.
  • पेट से सम्बंधित समस्या होती है।
  • तनाव बढ़ता है।

3- रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए उपाय(home remedies for immunity)

 

A-कैसी होनी चाहिए दिनचर्या

अगर शरीर की स्वास्थ्य बनाए रखनी है। तो सबसे बड़ा योगदान हमारा दिनचर्या का ही होता है।हम कितना भी कुछ भी खा-पी ले पर हमारी दिनचर्या ही गलत हो, तो उसका असर हमें होने नहीं वाला, तो आज हम आपको बताने वाले हैं।प्रतिरक्षा सुरक्षा तंत्र मजबूत बनाने के लिए आप की दिनचर्या कैसे होनी चाहिए

  1. नियमित रूप से व्यायाम करें

शरीर के सभी कार्य अच्छी तरह से चलने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी माना जाता है।व्यायाम करने से शारीरिक और मानसिक लाभ पाए जाते हैं। रोजाना व्यायाम करने से आने वाले कई बीमारियों से हम बच सकते हैं। और उसकी वजह है। हमारी रोग प्रतिकारक शक्ति

  1. दिनचर्या संतुलित बनाए रखें

अगर आप अपने शरीर को अच्छी तरह से बनाए रखते हैं। तो आपका शरीर भी प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी तरह से काम करने में सफल बन पाता है।

-सुबह उठ से लेकर रात को सोते वक्त तक हमारी दिनचर्या एक समान होनी चाहिए

-सुबह का नाश्ता दोपहर का खाना और रात का खाना इनका वक्त तय होना चाहिए

-सोने के 2 घंटे पहले ही अपना खाना पूरा कर ले उसकी वजह से हमारी पाचन शक्ति बनी रहती है।

B- कैसा होना चाहिए खान पान

मिनरल ,फाइबर ,विटामिन ,प्रोटीन ,एंटी ऑक्सीडेंट इन सब से भरपूर आप का डाइट होना चाहिए इसकी वजह से ही अपना प्रतिरक्षा सुरक्षा तंत्र मजबूत बन सकता है। और यह सब मल्टीविटामिन सब्जियों में और फलों में काफी हद तक पाए जाते हैं।

  1. हरी सब्जियाँ जैसे पालक मेथी शेपू आदि का सेवन करें
  2. फलों मे विटामिन सी युक्त मात्रा का आधी सेवन करें जैसे की संतरा निम्बू आदि
  3. काजु, बादाम, मानूका जैसे ड्राई फ्रूट्स खाया करें. खास करके खजूर का सेवन अधिक करें.
  4. हल्दी का उपयोग करें. इसके लिए आप दूध मे हल्दी डालकर रात मे इसका सेवन कर सकते है।
  5. संतुलित मात्रा में नमक का उपयोग करें क्योंकि नमक का शरीर मर प्रमाण कम होने वजह से इम्यून सिस्टम पे असर पड़ता है।
  6. डेरी प्रोडक्ट मे आप पनीर, चीज, दही और दूध का सेवन करें.
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C- योगा और आसान करें

योगा याने मन और आत्मा को शरीर के द्वारा नियंत्रित रखना होता है।इससे शरीर कण्ट्रोल मे रहने की वजह से शरीर का कार्य अच्छे से होता है।

इस से होने वाले फायदे:

  1. योगा करने से स्ट्रेस लेवल कान होता है
  2. मानसिक स्वास्थ्य पर लाभ होता है
  3. कम करने की इच्छाशक्ति बढ़ती है

योगा और आसन के प्रकार:

  • आसान मे पद्मासन, पश्चिमोत्तासन, पवनमुक्तसन करने से शरीर स्वास्थ्य रहता है।
  • साथी ही हररोज सूर्यनमस्कार करें. इससे शरीर मे ऊर्जा बढ़कर शरीर एक्टिव रहता है।
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