नमस्कार दोस्तों,आप सभी का सर्वांग आयुर्वेद वेबसाइट पर स्वागत है।आज का हमारा विषय है नाखून में होने वाला इन्फेक्शन और नाखूनों के इन्फेक्शन का उपाय,चलिए तो जान लेते हैं नाखूनों में इन्फेक्शन क्यों होता है उसके कारण और इलाज।
हाथ-पैर की खूबसूरती बढ़ाने वाले नाखून बीमार भी हो सकते हैं। इन नाखूनों को भी रोग पकड़ सकते हैं और समय पर इसका इलाज भी उतना ही जरूरी है, जितना दूसरी बीमारियों का। नाखून को भी रोग घेर सकते हैं, जिसमें फंगल इन्फेक्शन, जीवाणु (बैक्टीरिया) का असर, ट्यूमर रोग आदि शामिल हैं। नाखून रोग ग्रस्त हो गए हैं तो ये विकृत, संक्रमित हो सकते हैं। इनमें दर्द हो सकता है और विशेष प्रकार की गंध भी छोड़ते हैं। फंगल इन्फेक्शन फंगस की वजह से होता है जो अंग्रेजी भाषा में फंगी का बहुवचन है। यह जीवाणुओं के कारण पैदा होने वाली फफूंद है जो रोग का कारण बनती है।
हाथ और पैर के नाखून हमारी खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ हमारे शरीर के स्वास्थ्य की झलक भी दिखाते हैं। यदि हमारे शरीर में कोई बीमारी पैदा हो रही है या पोषक तत्वों की कमी है, तो नाखून उसके लक्षण हमें दिखा देते हैं। कई बार हम देखते हैं कि नाखून पर चोट लगने नाखून के टूटने या ठीक से नाखून की सफाई न होने पर फंगस की समस्या पैदा हो जाती है। नेल फंगस के और भी कई वजह होती हैं।
• नाखूनों में होने वाले इन्फेक्शन क्या होता है? (what is Nail’s fungal infection)
- नाखून में होने वाला फंगल इंफेक्शन जिसे नाखून कवक भी कहते हैं नाखूनों की सबसे कॉमन बीमारियों में से एक है। फंगल इंफेक्शन शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया की ही तरह फंगस भी हमारे शरीर पर मौजूद रहता है। लेकिन जब यही फंगस बहुत अधिक बढ़ने लगता है तो आपको संक्रमण हो जाता है।
- हाथों और पैरों के नाखूनों की असामान्यताएं आपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ बता सकती हैं।नाखून कवक एक सामान्य स्थिति है, जो हाथ या पैर के नाखून की नोक के नीचे एक सफेद या पीले रंग के स्पॉट के रूप में शुरू होता है। जैसे ही फंगल संक्रमण गहरा हो जाता है, कवक नाखून को बदरंग, मोटा और किनारे से उखाड़ना शुरू कर देता है। वैसे तो यह संक्रमण हाथ या पैर किसी भी उंगली के नाखून में हो सकता है, लेकिन फंगल इंफेक्शन की यह समस्या पैर की उंगलियों के नाखून में ज्यादा देखने को मिलती है। नाखूनों के संक्रमण की यह समस्या एक बार में सिर्फ एक नाखून को या फिर एक साथ कई नाखूनों को भी प्रभावित कर सकती है।
- इसके इलाज के लिए डॉक्टर से तुरंत संपर्क की आवश्यकता होती है। डॉक्टर इस प्रक्रिया में नाखून से एक स्क्रैप लेते हैं और इसे फंगस के संकेतों के लिए माइक्रोस्कोप से देखकर डायग्नोस करते हैं।
- नाखूनों को प्रभावित करने वाला फंगस इन्फेक्शन ओनिकोमाइकोसिस के रूप में जाना जाता है और यह नाखून के रोग में सबसे आम है। फंगल इन्फेक्शन का शिकार होने की आशंका तब बढ़ जाती है, जब व्यक्ति को मधुमेह हो, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो, साथ ही 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र हो। वे लोग इसके पीड़ित हो सकते हैं जिन्होंने आर्टिफिशियल नेल्स (कृत्रिम नाखून) शौकिया पहने हो। नाखून को संक्रमित करने वाले फंगस में सबसे आम है कैंडिडा जिसके कारण नाखून हरे, काले या पीले हो सकते हैं। साथ ही नाखून की मोटाई भी बढ़ सकती है।
- नाखून कवक एक सामान्य स्थिति है, जो हाथ या पैर के नाखून की नोक के नीचे एक सफेद या पीले रंग के स्पॉट के रूप में शुरू होता है। जैसे ही फंगल संक्रमण गहरा हो जाता है, कवक नाखून को बदरंग, मोटा और किनारे से उखाड़ना शुरू कर देता है।
- इसके इलाज के लिए डॉक्टर से तुरंत संपर्क की आवश्यकता होती है। डॉक्टर इस प्रक्रिया में नाखून से एक स्क्रैप लेते हैं और इसे फंगस के संकेतों के लिए माइक्रोस्कोप से देखकर डायग्नोस करते हैं। डॉक्टर से बिना बात किए ली गई दवाएं विश्वसनीय परिणाम नहीं देतीं। ओरल एंटीफंगल दवाएं फायदेमंद हो सकती हैं। अंगुलियों के नाखूनों की अपेक्षा पैर के अंगूठों के इलाज में ज्यादा समय लगता है।
- नाखूनों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन नाखूनों से जुड़े इन रोगों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन खत्म करने के लिए क्रीम, जेल या मलहम इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन जहां मामला गंभीर हो रहा है वहां विशेष थेरेपी लगती है। एक अन्य इलाज में इन फंगस को मारने में लेजर ट्रीटमेंट फायदेमंद है। लेजर नेल थेरेपी एक अंगुली के फंगल इन्फेक्शन का इलाज करती है। इसमें उच्च शक्ति वाली बीम का इस्तेमाल होता है। इसके जरिए उस फंगस को खत्म करते हैं जो किसी नाखून या टिश्यू को क्षति पहुंचा रहा है और इन्फेक्शन कर रहे हैं। कभी-कभी बहुत ज्यादा बढ़े संक्रमण से बचने के लिए नाखून को निकालना ही एकमात्र विकल्प होता है।
- ज्यादातर नेल फंगस हाथ की उंगलियों और खास कर अंगूठे के नाखून पर होता है। यदि आपको अपने नाखूनों का रंग बदलता नजर आ रहा है या वह टूट जाए या उसमें दरार पड़ रही हो, तो आपको अपने नाखूनों क खयाल रखने की जरुरत है।
• नाखूनों में इंफेक्शन होने के लक्षण (Symptoms of nail fungal infection)
- नाखून का आकार टेढ़ा-मेढ़ा या विकृत होना।
- नाखून का मोटा या स्थूल होना।
- नाखून का बेहद नाजुक होकर अपने आप टूटने लगना।
- नाखून के नीचे के हिस्से में अगर पीले स्पॉट्स नजर आना।
- नाखून का भुरभुरा या खुरदरा होना।
- नाखून से किसी तरह की बदबू आना।
- सफेद नाखून का पीला या भूरे रंग का या बदरंग हो जाना।
- कई बार उंगली के टिप के हिस्से पर दर्द भी होने लगता है।
- किन लोगों को नाखूनों का फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है।
- व्यक्ति की उम्र 65 साल से अधिक हो।
- नाखून में किसी तरह की चोट लगी हो।
- व्यक्ति को डायबिटीज हो।
- आर्टिफिशयल नाखून का इस्तेमाल करते हो।
- इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो।
- एथलीट फुट बीमारी हो।
- पूरी तरह से बंद जूते जैसे- टेनिस शूज या बूट्स का ज्यादा इस्तेमाल करते हों।
- पब्लिक स्विमिंग पूल, शावर रूम या जिम जैसी नमी वाली जगहों पर नंगे पाव चलना।
जानिए,कैसे पाए फंगल इंफेक्शन से राहत? उसके कारण और उपाय(Fungal Infection)
• नाखूनों को इंफेक्शन से कैसे बचाएं (Nails ko fungal infection se kaise bachaye )
- नाखूनों के संक्रमण का इलाज लंबा समय ले सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि इसके बचाव में पहले ही जरूरी कदम उठा लें।
- नेल फंगस से बचे रहने के लिए अपने हाथ पैर के नाखूनों को साफ रखें और उनमें गंदगी न जमने दें।
- नाखूनों को धोने और साफ करने के बाद वहां पर मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं।
- नाखूनों के क्यूटिकल को डैमेज होने से फंगस होने की समस्या हो जाती है। इसलिए इन्हें डैमेज होने से बचाएं।
- समय पर अपने नाखूनों को ट्रिम करें। याद रखें कि इन्हें मुंह से न काटे।
- नाखूनों के संक्रमण से बचने के लिए हमेशा अपने नाखूनों और आसपास की त्वचा को साफ व सूखी रखने की कोशिश करें।
- अपने शरीर के किसी अन्य फंगल इन्फेक्शन के संपर्क में आने के बाद अच्छे से धोएं।
- मेनिक्योर और पेडिक्योर टूल्स शेयर करने से बचें। अपने नाखूनों और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए उसे पर्याप्त समय दें।
- पैरों की उंगलियों में जो हमेशा जूतों में बंद रहती हैं वहां पर एंटीफंगल स्प्रे या पाउडर का इस्तेमाल करें।
- नाखून के इस इन्फेक्शन के लिए वैकल्पिक उपचार में नारियल के तेल से बने खाद्य पदार्थ, लहसून का सेवन, दही, एपल साइडर विनेगर से बने खाद्य पदार्थ उपयोगी हैं। ये खाद्य पदार्थ फंगल इन्फेक्शन को बार-बार होने से रोक देंगे।
- पानी से जुड़ा काम ज्यादा हो तो नाखूनों को पानी से बचाने के लिए रबर वाले ग्लव्स का इस्तेमाल करें।
- आर्टिफिशियल नाखून या नेल पॉलिश का कम से कम इस्तेमाल करें।
- फंगल इन्फेक्शन के अलावा और भी बीमारियां नाखूनों को घेर सकती हैं। अगर नाखूनों में भूरे या काले धब्बे दिखें तो यह साधारण से दिखने वाले निशान एक प्रकार के कैंसर मेलानोमा के कारण हो सकते हैं।
- भूरे काले धब्बे बढ़ते जा रहे हों या त्वचा का रंग नाखूनों के इर्दगिर्द बदल रहा हो तो दिक्कत हो सकती है। नाखूनों में पीले रंग का पस भर रहा हो तो यह परेशानी का कारण बन सकता है।
- संक्रमित नाखून को छूने के बाद हमेशा अपने हाथों को अच्छे से साबुन पानी से साफ करें।अपने मोजे या जूतों को किसी और के साथ शेयर करने से बचें।संक्रमित नाखून को छूने के बाद हमेशा अपने हाथों को अच्छे से साबुन पानी से साफ करें।
- नाखूनों से जुड़े इन रोगों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन खत्म करने के लिए क्रीम, जेल या मलहम इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन जहां मामला गंभीर हो रहा है वहां विशेष थेरेपी लगती है। एक अन्य इलाज में इन फंगस को मारने में लेजर ट्रीटमेंट फायदेमंद है। लेजर नेल थेरेपी एक अंगुली के फंगल इन्फेक्शन का इलाज करती है। इसमें उच्च शक्ति वाली बीम का इस्तेमाल होता है। इसके जरिए उस फंगस को खत्म करते हैं जो किसी नाखून या टिश्यू को क्षति पहुंचा रहा है और इन्फेक्शन कर रहे हैं। कभी-कभी बहुत ज्यादा बढ़े संक्रमण से बचने के लिए नाखून को निकालना ही एकमात्र विकल्प होता है।
• नाखून के इंफेक्शन के लिए घरेलू उपाय (Nails ke fungal infection ke liye gharelu upay)
- हमेशा अपने हाथों और नाखूनों को गर्म पानी से धोए क्योंकि गर्म पानी से डेड स्किन निकल जाती है जिससे नाखूनों में संक्रमण नहीं होता है। यही नहीं गर्म पानी से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। इसीलिए गर्म पानी नाखूनों के लिए बेहतरीन उपाय हैं।
- नाखूनों के इन्फेक्शन का उपाय,लहसुन से नाखूनों का संक्रमण ठीक किया जा सकता है। इसमें ऐंटी फंगल गुण होते हैं जिससे दोबारा बैक्टीरिया नहीं होते है। कुछ लहसुन की कलियां लें और इसे अच्छे से मैश कर लें। फिर इसमें वाइट विनेगर मिलाएं और लगाएं। आप चाहे तो लहसुन की कलियां डायरेक्टली नाखूनों पर रगड़ सकते हैं।
- नाखूनों के इन्फेक्शन का उपाय,नींबू में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो किसी भी इन्फेक्शन दूर करने के लिए मदद करते हैं ।नींबू का रस नाखूनों के इन्फेक्शन को ठीक करता है। नींबू में पाए जाने वाला सिट्रस एसिड उन बैक्टीरिया को खत्म करता जिससे इन्फेक्शन होता है। नींबू का रस दिन में दो बार नाखूनों पर लगाएं। आराम मिलेगा।
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- टी ट्री ऑयल नाखूनों के संक्रमण को ठीक करने के लिए अच्छा कारगर उपाय माना जाता है। इसमें ऐंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। थोड़ा सा टी ट्री ऑयल लें उसमें जैतून का तेल मिलाएं। अब रुई की मदद से इसे नाखूनों पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें। बाद में गर्म पानी से नाखून अच्छे से धो लीजिए।
- नाखूनों के इन्फेक्शन का उपाय,नारियल के तेल को इस्तेमाल करने का बेस्ट तरीका है कि आप इसमें बिना कुछ मिलाए ही प्रभावित नाखून पर लगा लें। अगर नाखून में फंगल इंफेक्शन होने की वजह से सूजन और दर्द भी है तो नारियल के तेल में चुटकीभर हल्दी भी मिला लें। हल्दी एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक होती है।
- नाखूनों के इन्फेक्शन का उपाय,एलोवेरा में एंटी फंगल गुण होते हैं जो किसी भी संक्रमण से लड़ने के लिए मदद करते हैं। नाखूनों के इंफेक्शन की समस्या के लिए ताजा एलोवेरा जेल निकाल कर अपने नाखूनों पर लगा दीजिए। हो सके तो रात को सोने से पहले नाखूनों पर एलोवेरा जेल लगाएं यह उपाय बहुत कारगर होता है। रोजाना आप इस उपाय को दो से तीन बार दोहराएंगे तो आपको जरूर लाभ होगा। एलोवेरा से आप का इन्फेक्शन दूर होगा ही बल्कि नाखून चमकदार भी होते हुए दिखेंगे।
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- सेब के सिरके में एसिडिक प्रॉपर्टी पाई जाती है जो बैक्टीरिय़ा को खत्म करने में मदद करती है, इसके लिए आपको सेब के सिरके और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर उसमें नाखूनों को कुछ देर के लिए डूबोकर रखना है ।
- कोई भी समस्या के लिए घरेलू उपाय बेहतरीन माने जाते हैं। अगर आपको नाखूनों के इंफेक्शन के लिए ऊपर दिए हुए घरेलू उपाय से राहत नहीं मिल रही है तो आप अवश्य डॉक्टर की सलाह लीजिए।