मधुमेह कंट्रोल करने के घरेलू उपाय

जानिए,मधुमेह कंट्रोल करने के घरेलू उपाय ,नमस्कार दोस्तों आप सब का स्वागत है सर्वांग आयुर्वेद में,आज का हमारा विषय है। मधुमेह के बारे में, मधुमेह यह ऐसी बीमारी है।जो हमें बढ़ती उम्र के साथ हो जाती है। लगभग भारत में 5 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोग हैं जो यह बीमारी से पीड़ित है।यह बीमारी 65 उम्र के बाद लगभग 33% लोगों को होती है। यह मानसिक और शारीरिक परिश्रम के साथ बदलती जीवन शैली के वजह से होती है।

अगर आप मधुमेह के रोगी है तो चिंता ना करें, हम आपके लिए मधुमेह के बारे में आपको आवश्यक उतनी जानकारी देने वाले हैं।और इसके ऊपर जो इलाज करना चाहिए और आपको आवश्यक सभी चीजों के बारे में हम जानकारी देने वाले हैं।तो चलिए जानते हैं मधुमेह कंट्रोल करने के घरेलू उपाय

1- मधुमेह क्या होता है ?

हमारे शरीर में पेंकिर्याज में इंसुलिन पहुंचना बंद हो जाता है।और उसकी वजह से हमारे रक्त में शर्करा बढ़ जाती है।उसकी वजह से मधुमेह की बीमारी होती है। जो भी खाते पीते हैं। तो वह अपने शरीर में जाने के बाद एक प्रोसेस होता है।

जिसमें हमने जो भी खाया है तो उसमें से रक्त शर्करा प्रक्रिया(process) करने का जो कार्य रहता है वह कार्य कुछ कारणवश अच्छी तरह से काम न कर पाने की वजह या फिर संसाधित करने की शरीर की क्षमता को कम कर देता है, तो इसकी वजह से हमें मधुमेह की समस्या होती है।

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अगर आप इस बात पर ज्यादा ध्यान ना दें,तो आपके रक्त में शर्करा का प्रमाण बढ़ जाता है, और उसकी वजह से आपको स्ट्रोक या फिर ह्रदय विकार का सामना करना पड़ सकता है।

कहीं अलग-अलग प्रकार के मधुमेह होते हैं,और हर इनका अलग-अलग ख्याल रखना पड़ता है हम इसके बारे में भी जानेंगे, कुछ लोगों को यह बीमारी बचपन से ही होती है,वह भी एक अलग प्रकार का मधुमेह होता है।

2-मधुमेह के प्रकार

   टाइप 1(Type-1)

ईस प्रकार के मधुमेह में, हमारा शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। जिन लोगों को इस प्रकार का मधुमेह होता है उनको कृत्रिम इंसुलिन दिया जाता है। और उनको उस पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

   टाइप 2(Type-1)

इस प्रकार के मधुमेह में इंसुलिन तो बनता है लेकिन वह एक अलग प्रकार का बनता है जो हमारी कोशिकाएं उस इंसुलिन को प्रभावी तरह से जवाब नहीं दे पाती है और उसके कारण हमें इस प्रकार का मधुमेह होता है और ज्यादातर मरीजों को इसी प्रकार का मधुमेह पाया गया है।और इसका मुख्य कारण मोटापा पाया गया है।

मधुमेह कंट्रोल करने के घरेलू उपाय : Home Remedies for Diabetes

आमला का सेवन

आमला में क्रोमियम पाया जाता है, जो की एक खनिज कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित करता है।और यह शरीर को इंसुलिन के प्रति अधिक प्रतिक्रियाशील बनाता है।और रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित रखता है। आमला शक्तिशाली ‘एंटीऑक्सीडेंट’ है। जो उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने में बहुत करगीर साबित होता है। इसे रोजाना लगभग 5-10 ml रस का सेवन करें आपको जल्द ही फरक नजर आयेगा.

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करेला का सेवन

करेला फायदेमंद इसलिए है क्योंकि, कड़वे करेले में ऐसे गुण होते हैं। जो इंसुलिन की तरह काम करते हैं।जो शरीर के ऊर्जा के लिए ग्लूकोज को कोशिकाओं में लाने में मदद करता है। करेले का सेवन आपकी कोशिकाओं को ग्लूकोज का उपयोग करने मे मदद करता है। और इसे आपके लीवर, मांसपेशियों और वसा में ले जाने में मदद कर सकता है।करेला मधुमेह के लिए अच्छा घरेलू उपाय है।

दालचीनी से

दालचीनी इंसुलिन को प्रभावित्त करके और कोशिकाओं में ग्लूकोज के परिवहन को बढ़ाकर रक्त शर्करा को कम करती है।और इससे मधुमेह से लड़ने में मदद करती है। यह इंसुलिन को बढ़ाकर रक्त शर्करा को कम करने में भी मदद कर सकता है।जिससे ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाने में इंसुलिन अधिक कुशल हो जाता है। एक गिलास पानी में एक छोटी सी दालचीनी की छाल डालकर रात भर के लिए छोड़ दें। इसे सबसे पहले सुबह खाली पेट पिएं.

विटामिन-सी

विटामिन सी,सीरम लिपिड और (HbA1c) पर इसके लाभकारी प्रभावों के लिए जाना जाता है। विटामिन सी का दैनिक सेवन टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा और लिपिड को कम करने मे होता है।और इस प्रकार उससे होने वाली समस्याओ के जोखिम को कम करने में फायदेमंद हो सकता है।

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एलोवेरा

एलोवेरा जठरांत्र संबंधी मार्ग में शुगर अवशोषण को कम कर सकती है। शुगर को कोशिकाओ तक जाने से रोकती है।जिससे शुगर कण्ट्रोल मे रहता है।साथ ही उसके उत्पादन को रोक सकती है।जिससे शरीर को काफी फायदा होता है।

मेथी के दाने

मेथी दाना का पानी मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा को कम करने की क्षमता रखता है। इसमें फाइबर होनें के कारण यह पाचन प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता है। कार्बोहाइड्रेट और शुगर के अवशोषण को नियंत्रित करता है। मेथी का पानी आपके शरीर द्वारा शुगर का उपयोग करने के तरीके को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।

जामुन

जामुन, स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करता है। जब आपके भोजन में स्टार्च का चयापचय होता है तब इससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो जाता है। जो लोग टाइप-2 मधुमेह से जूझ रहे हैं, वे इंसुलिन के निम्न स्तर का उत्पादन करते हैं।

वजन को नियंत्रित रखें

मोटापा कहीं और बीमारियों के कारण बन सकता है,इसलिए अपना वजन नियंत्रित रखना बहुत ही जरूरी है अगर वजन नियंत्रित ना रखें तो हमें डाइजेशन की परेशानी हो सकती है और उसकी वजह से बॉडी में इंसुलिन तैयार करने का काम बिगड़ सकता है।

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