जानिए,चिकन पॉक्स के लिए उपाय और लक्षण(chicken pox treatment in hindi)

नमस्कार दोस्तों, आप सभी का हमारे सर्वांग आयुर्वेद वेबसाइट स्वागत है। आज का हमारा विषय है चिकन पॉक्स के लिए उपाय चलिए तो जान लेते चिकन पॉक्स क्या होता है? चिकन पॉक्स के लक्षण, चिकन पॉक्स के कारण और चिकन पॉक्स पर घरेलू उपाय।

अब गर्मियों का मौसम आ रहा है। गर्मियां अपने साथ ढेर सारे इंफेक्शन और बीमारियां लेकर आती है। जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जाती है वैसे वैसे कहीं तरीके की बीमारियां अपने फन उठाने लगती हैं। उसमें से एक है चिकन पॉक्स। वैसे कहा जाए तो चिकन पॉक्स कौन से भी मौसम में हो सकता है।

• चिकन पॉक्स क्या है?

  • चिकन पॉक्स को कई लोग चेचक के नाम से जानते हैं। तो कहीं लोग छोटी माता ,बड़ी माता नाम से पहचानते हैं। छोटे बच्चों को होने वाले चिकन पॉक्स को छोटी माता बुलाते हैं और बड़े लोगों को होने वाले चिकन पॉक्स को बड़े माता बुलाते हैं।
  • दोनों चेचक में ही दाने निकलते हैं। इनमें मुख्य अंतर यह होता है कि बड़ी माता में दाने बड़े होते हैं, और छोटी माता के दाने छोटे होते हैं। इसलिए जब भी आप चेचक का घरेलू उपचार करें तो बीमारी की पहचान पहले पता कर लें।
  • छोटी माता के दाने छोटे होते हैं। यह बीच में से फटते नहीं बल्कि सीधे सूख जाते हैं। इनमें से पपड़ी भी नहीं उतरती। प्रायः यह बीमारी बच्चों को छोटी उम्र में ही होती है।
  • बड़ी चेचक के दानों में पीव या मवाद या पस भर जाता है। ये बीच में से फट जाते हैं, और फिर सूख जाते हैं। इनमें से पपड़ी सी उतर जाती है।
  • चिकनपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है और अगर सही समय पर इसके लक्षण पहचान कर इलाज करवा लिया जाए तो इससे बचा जा सकता है।
  • चिकन पॉक्स मुख्यतः वैरिसेला नामक वायरस से फैलता है, और सामान्यतः बच्चों को व्यस्कों की तुलना में अधिक प्रभावित करता है। चिकन पॉक्स को छोटी माता या चेचक के नाम से भी जाना जाता है।
  • चिकनपॉक्स यानी चेचक की बीमारी एक संक्रामक रोग है जो साफ-सफाई की कमी की वजह से फैलता है। यह Varicella Zoster वायरस की वजह से होती है।चिकन पॉक्स के मुख्य लक्षणों में मुख्यतः छोटे छोटे, द्रव से भरे फफोले के साथ खुजली होना सम्मलित हैं ।
  • चिकन पॉक्स को आयुर्वेद में लघु मसूरिका के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि इसमें मसूर के दाल के साइज़ के छोटे छोटे दाने मरीज के शरीर पर हो जाते हैं। यद्धपि यह एक खतरनाक बीमारी है परन्तु अगर सही समय पर इसके लक्षणों की पहचान करके इसका सही इलाज  किया जाये तो यह आसानी से ठीक हो जाती है और जान का खतरा नहीं रहता है।
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• चिकन पॉक्स होने के कारण(causes of chickenpox)

  • उपर हमने देखा कि चिकन पॉक्स क्या होता है? अब जान लेते हैं चिकन पॉक्स होने के कारण।
  • चिकन पॉक्स फैलने का मुख्य कारणवैरिसेला-ज़ोस्टर वायरस होता है, परन्तु यह एक संक्रामक रोग है जो संक्रमण से फ़ैलता है। चिकन पॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खाँसने ,छींकने हाथ मिलाने, थूकने, फोड़े-फुंसी से निकले द्रव, कपड़े इत्यादि के सम्पर्क में आने से फ़ैलता है। यद्धपि चिकन पॉक्स व्यस्कों की अपेक्षा बच्चों को अधिक होता है फिर भी यह व्यस्कों में हो सकता है यदि-
  • उन्हें पहले कभी चिकन पॉक्स नहीं हुआ हो
  • चिकन पॉक्स के लिए टीकाकरण न कराया हो
  • अगर आपको बचपन में चिकन पॉक्स हो चुका है तो भविष्य में इसके होने की सम्भावना न के बराबर होती है या 99 % आपको यह रोग दुबारा नहीं होगा क्यूँकि इसके एक बार हो जाने के बाद हमारे शरीर में इस रोग के लिये प्रतिरोधक शक्ति उत्पन्न हो जाती है।
  • उपर हमने देखा कि चिकन पॉक्स के कारण क्या होते हैं?अब जान लेते हैं चिकन पॉक्स के लक्षण।

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• चिकन पॉक्स के लक्षण(symptoms of chickenpox)

  • इसमें पूरे शरीर पर चकते और लाल दाने उभर आते हैं। दाने निकलने पर शरीर में खुजली होने लगती है और उन दानों से पानी भी निकलने लगता है।
  • मुंह, गले में तथा आवाज निकलने वाली नली तक छोटी-छोटी स्फोटिकाएं बन जाती हैं, जो आगे चलकर घाव में बदल जाते हैं।
  • बार-बार गला सूखता है।पूरे शरीर में दर्द तथा ऐंठन रहती है।मितली आती है, या बार-बार उल्टी करने का मन करता है।सिर दर्द की शिकायत रहती है।पीठ में भी दर्द रहता है।
  • बहुत तेज बुखार रहता है।धीरे-धीरे शरीर पर लाल दाने दिखने लगते हैं, 4-5 दिनों के अन्दर ये दाने पक जाते हैं। इनमें बहुत खुजली होती है।
  • कई बार तो उन लाल दानों में पस (मवाद) भी पड़ जाता है और फफोले उभर आते हैं। ये फफोले 2 से 4 दिनों के अंदर पूरे शरीर पर तेजी से फैल जाते हैं
  • कमर में तेज दर्द होता है और सीने में अजीब सी जकड़न होने लगती है।
  • चिकनपॉक्स की स्थिति में बुखार भी हो जाता है। भूख नहीं लगती, सिर में दर्द होता है और हमेशा थकान सी महसूस होती है।
  • छोटे-छोटे लाल रंग के धब्बे  होते हैं, जो पहले ललाट और कलाई पर आते हैं।इसके बाद क्रमशः हाथ, धड़, पीठ और अंत में टांगों पर निकलते हैं। ललाट, चेहरे हाथों के आगे वाले भाग और हाथों की त्वचा पर अधिक होती है।
  • हाथ, छाती तथा कुहनी के सामने के भागों पर यह नहीं निकलते।
  • कक्ष में तो बिल्कुल नहीं निकलते है।
  • शुरुआत के दो-तीन दिनों में बुखार चढ़ कर उतर जाता है, और वह फिर से बढ़ जाता है।
  • अगले आठ या नौ दिनों में ये दाने सूखने लगते हैं, और वहाँ पर गहरे भूरे अथवा काले रंग के खुरंड बन जाते हैं।
  • त्वचा से पूरी तरह से चिकन पॉक्स अलग होने में दस से बारह, या कभी-कभी इससे अधिक दिन भी ले लेते हैं।
  • चिकनपॉक्स वैसे तो एक सामान्य संक्रामक रोग है, लेकिन अगर सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो फिर यह गंभीर रूप ले सकती है। इसमें स्किन संबंधी इंफेक्शन के अलावा निमोनिया, डिहाईड्रेशन, दिमागी बुखार यानी इंसेफलाइटिस, टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
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• किन लोगों को  चिकन पॉक्स होने की अधिक संभावना होती है

जिन लोगो में चिकनपॉक्स होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है, उनमें नवजात शिशु, बच्चे, युवा, ऐसी प्रेगनेंट महिलाएं जिन्हें कभी चिकनपॉक्स न हुआ हो। इसके अलावा उन लोगों को भी चिकनपॉक्स हो सकता है जो स्टेरॉयड दवाइयां ले रहे हैं या फिर वे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कीमोथैरपी या एचआईवी की वजह से कमजोर हो गया हो।

• चिकनपाॅक्स से बचने के लिए 

चिकनपॉक्स का सबसे बेहतरीन इलाज इसके इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध है। डॉक्टरों के मुताबिक, चिकनपॉक्स की बीमारी को दूर रखने के लिए 12 से 15 महीनों की उम्र के बीच बच्चों को चिकन पॉक्स का टीका लगवाना चाहिए। इसके अलावा 4 से 6 साल की उम्र के बीच बूस्टर टीका भी लगवाना चाहिए। बच्चों का टीकाकरण को नजरअंदाज ना करें। माना जाता है कि यह टीका चिकनपॉक्स के गंभीर संक्रमण को रोकने में 95 फीसदी कारगर है। चिकन पॉक्स से बचने के लिए घरेलू उपाय।

• चिकन पॉक्स पर इलाज करने के लिए घरेलू उपाय(chicken pox treatment in hindi)

• चिकन पॉक्स के लिए उपाय,नीम(chicken pox mai neem ke fayde)

नीम मे एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो किसी भी संक्रमण से छुटकारा देते हैं। नीम के कुछ पत्ते पानी में उबाल लीजिए अब इसी पानी से नहाने से दर्द कम होता है। नीम के कुछ पत्ते पानी के साथ पीसकर चिकन पॉक्स के ऊपर लगाइए इससे चिकन पॉक्स फैलने की संभावना कम होती है। आप चाहे तो बेड पर नीम के पत्ते बिछाकर उस पर सो सकते हैं ऐसा करने से संक्रमण के विषाणु तेजी से नष्ट होते हैं और दर्द कम होता है।

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• चिकन पॉक्स के लिए उपाय,शहद(chicken pox mai honney ke fayde)

शहद एक रामबाण घरेलू इलाज हैं।शहद एंटीबैक्टेरियल गुणों से भी भरपूर होता है, इसीलिए चिकनपॉक्स से परेशान व्यक्ति के लिए शहद किसी औषधि से कम नहीं है। जो शरीर में मौजूद किसी भी संक्रमण को मिटाने में सहायक होते हैं। प्रभावित भाग पर शुद्ध शहद को लगाएं। यह प्रक्रिया 2-3 बार दोहराएं। यह उपाय करने से आपका दर्द कम होने के लिए मदद हो सकती हैं।बल्की शहद न सिर्फ चकत्तों को कम करेगा, बल्कि निशान मिटाने में मदद करेगा।

• बेकिंग सोडा(chicken poxm mai baking-soda ke fayde)

बेकिंग सोड़ा का एक्टिव कंपोनेंट त्वचा की खुजली और दर्द को कम करता है। इससे घाव जल्द सूखता है और छालों व घाव से जल्द राहत मिलती है।बेकिंग सोडा में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो घाव को भरकर संक्रमण को दूर करने में मदद करता है। आधा चम्मच बेकिंग सोडा पानी में मिला लें। किसी साफ कपड़े को इसमें भिगोकर प्रभावित भाग पर लगाएं, और सूखने दें।

• गाजर और धनिया का सूप (chicken pox mai carrot coriander ka soup)

धनिया एक बेहतरीन औषधि का काम करती है। इसमें प्रचूर मात्रा में ऑर्गनिक कंपाउंड्स होते हैं। धनिया और गाजर के सूप को पीने से चिकनपॉक्स से राहत मिलती है। इसका इस्तेमाल कई देशों में किया जाता है।कुछ धनिया की पत्तियां और गाजर लें।इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।किसी ग्राइंडिंग मशीन में डालकर इसका रस निकालकर उसका सूपतैयार कर लें।इस सूप का सेवन करने से चिकनपॉक्स से राहत मिलती है।

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• चिकन पॉक्स के लिए उपाय,चंदन का तेल(chandan ka oil)

चंदन के तेल में एंटीवायरल और एंटीबैक्टेरियल गुण होते हैं। इसके इस्तेमाल से स्किन स्वस्थ होती है और सूजन दूर होती है। चंदन के तेल का इस्तेमाल करने का एक फायदा यह भी होता है कि चिकनपॉक्स से ग्रस्त लोगों को अन्य इन्फेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है।चंदन के तेल को सीधे त्वचा पर लगाया जा सकता है। इसके अलावा इस तेल का इस्तेमाल दूसरी दवाइयों वाले पेस्ट और क्रीम में मिलाकर भी किया जाता है।

• एलोवेरा(aloe vera hai faydemand)

एलोवेरा मैं मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री गुण त्वचा को मॉइश्चराइज कर, होने वाली खुजली को कम करता है। एलोवेरा पत्‍ती से जेल को निकालकर, इस ताजा जेल को चकत्तों वाली जगह पर लगाएं। ऐसा करने से आपको चिकन पॉक्स में होने वाली खुजली से आराम मिलेगा।एलोवेरा एक प्राकृतिक इलाज है। ऐलोवेरा जेल में पाएं जाने वाले गुण चिकन पॉक्स से संक्रमित हुई त्वचा को ठंडक और आराम देने में मदद करता है।

एलोवेरा के फायदे जो आपको देगा इन 8 बीमारियों से निजात(Benifits of aloevera)

• गेंदे के फूल(Marigold)

गेंदे का फूल एक बहुत अच्छा उपाये हैं क्योंकि इसमें पाए जानें वाले एंटीसेप्टिक गुण आपकी चक्तों को आराम देता है।गेंदे के फूल और विच हेजल की पत्तियां को रातभर पानी में भिगोएं।सुबह इसका पेस्ट बना लें और चकत्तों पर लगाएं।इस पेस्ट को एक या दो घंटे तक लगा रहने दें और बाद में साफ पानी से इसे धो लें।

गेंदे का फूल मॉइस्चराइजिंग और विच हेजल एंटीसेप्टिक गुणों से समृद्ध होता है। चिकन पॉक्स के चकत्तों और खुजली से राहत पाने के लिए आप इनका एक साथ इस्तेमाल कर सकते हैं। ये संक्रमित त्वचा को आराम देने का काम करेंगे। यह उपाय आप रोजाना दो बार कर सकते हैं

• विटामिन ई(vitamin E)

विटामिन ई के कैप्सूल एक रामबाण उपाये हैं चिकनपॉक्स को ठीक करने का। इसके अंदर मौजूद तेल को चिकन पॉक्स के निशान पर लगाएं। विटामिन-ई तेल त्वचा को हाइड्रेट करता है। यह त्‍वचा से रैशेज को ठीक करने का काम करता है। चिकन पॉक्स का इलाज करने के लिए आप विटामिन-ई कैप्सूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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• ध्यान में रखिए(take care of)

  1. चिकनपॉक्स का टीका प्रेगनेंट महिलाओं और उन लोगों को बिल्कुल भी नहीं लगवाना चाहिए जिन्हें जिलेटिन या फिर ऐंटीबायॉटिक नियोमाइसिन से एलर्जी है। इसके अलावा उन लोगों को भी यह टीका नहीं लगवाना चाहिए जिनका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर है, जैसे कि एचआईवी से पीड़ित लोग।
  2. यदि छोटे बच्चों को चिकन पॉक्स होते हैं। तो उनके हाथों में कपड़ा बांध दीजिए। ताकि वह अपने शरीर को खुजला ना सके।
  3. चिकन पॉक्स हुआ मरीज का बिस्तर कपड़ा  तौलिया सब कुछ साफ सुथरा और अलग रखीए।
  4. मरीज के कपड़े रोज नीम के पानी नहीं तो डेटाॅल मिले पानी से धोए।
  5. चिकन पॉक्स हुए मरीजों को घी और तेल युक्त खाना नहीं देना चाहिए।
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